जानिए हमेशा पूर्णिमा को ही क्यों होता है चंद्र ग्रहण ?

Safe Alam
Safe Alam
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वैसे तो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) और सूर्य ग्रहण खगोल विज्ञान की दृष्टि से आम बात है, लेकिन भारत में इसको धार्मिक और ज्योतिष विद्या से जोड़कर देखा जाता है। ग्रहण से जुड़ी कई मान्यताएं हिंदू धर्म में है इसलिए भारत में नियम भी माने जाते हैं। इस बार वर्ष 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण 8 नवंबर, मंगलवार को होगा। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा तिथि रहेगी। भारत में इससे पहले जो चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई दिया था, वह भी कार्तिक पूर्णिमा 2021 पर हुआ था। आगे जानिए क्या कारण है कि चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर ही होता है…

क्यों होता है चंद्र ग्रहण? (Why does Chandra Grahan happen?

खगोल शास्त्र के अनुसार, जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में आती है तो चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है, जिसके चलते चंद्रमा कभी पूरा तो कभी आंशिक रूप से ढंक जाता है। इसी स्थिति को चंद्रग्रहण कहते हैं। चंद्र ग्रहण कई प्रकार का होता है जैसे आंशिक चंद्र ग्रहण, पूर्ण चंद्र ग्रहण, माद्य चंद्र ग्रहण और उपच्छाया चंद्र ग्रहण?

पूर्णिमा पर ही क्यों होता है चंद्र ग्रहण? (Why does a lunar eclipse happen only on a full moon?)

चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा पर ही होता है। ऐसा हजारों सालों से हो रहा है। इसके पीछे खगोल शास्त्र का एक बहुत बड़ा कारण छिपा है। इसके अनुसार, पृथ्वी की कक्षा पर चंद्रमा की कक्षा करीब 5 डिग्री तक झुकी रहती है, इस वजह से चंद्रमा कभी पृथ्वी की छाया से ऊपर तो कभी नीचे से निकल जाता है। जिस समय ये दोनों ग्रह आमने-सामने होते हैं, यानी पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चंद्रमा पर पड़ती है, उसी समय ग्रहण होता है। ऐसा संयोग सिर्फ पूर्णिमा पर ही बनता है।

जानें 8 नवंबर को होने वाले चंद्र ग्रहण से जुड़ी खास बातें (Special things related to the lunar eclipse of November 8)

– भारत के चंद्र ग्रहण सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में दिखाई देगा। इस समय शाम 4.23 तक रहेगा
– ईटानगर, कोलकाता, भुवनेश्वर, पटना, रांची और कटक में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। देश के अन्य हिस्सों में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।
– चंद्र ग्रहण शाम 6.19 पर समाप्त हो जाएगा, इसी के साथ सूतक काल भी समाप्त हो जाएगा।
– ये चंद्र ग्रहण भारत, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और रूस के कुछ हिस्सों दिखाई देगा।
– चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद कार्तिक पूर्णिमा से संबंधित शुभ काम किए जा सकेंगे यानी दीपदान, पूजा आदि।

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