धर्म में माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया हैं पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र की अनिवार्यता मानी गई है माता पिता के मृत्यु उपरांत लोग विस्मृत ना करें इसलिए उनके श्राद्ध करने का विशेष विधान बताया गया, भादो के पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण पक्ष पूर्णिमा तक प्रीतपक्ष रहता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार मनुष्य पर तीन प्रकार के ऋण प्रमुख माने गए हैं इसमें प्रृत ऋण, देवऋण, ऋषिऋण, इसमें प्रीत ऋण सबसे ऊपर होता है उक्त बातें आचार्य मुकेश कुमार पांडेय के द्वारा बताई गई, जो काफ़ी बड़ी परिवार परमार बंस के कुल प्रोहित हैं।
इनके के द्वारा बताया गया तिल मिश्रित जल को 3-3 अंजलिया प्रदान करने से पितरो का सारा पाप नास हो जाता हैं इस लिए तर्पण करना चाहिए, सूर्य देव जो कन्या राशि में गोचर करते हैं तब हमारे पूर्वजों का बिचरण होता है