चंद्र ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है, लेकिन हिंदू धर्म में इसे लेकर कई मान्यताएं और परंपराएं हैं। इन मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) शुरू होने से 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है यानी ग्रहण का अशुभ समय। इस दौरान कुछ काम करने की मनाही है। मान्यता है कि ऐसा करने से निकट भविष्य में हमें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आगे जानिए 8 नवंबर को होने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब से कब तक रहेगा और इस दौरान कौन-से काम न करें…
भारत के अलग-अलग हिस्सों में कहीं पूर्ण रूप से तो कहीं आंशिक रूप से दिखाई देगा। इस दिन चंद्रोदय के साथ ग्रहण भी दिखाई देने लगेगा, इसलिए भारत में इसके धार्मिक नियम जैसे सूतक आदि माने जाएंगे। भारत में सबसे पहले चंद्र ग्रहण अरूणाचल प्रदेश के ईटा नगर में दिखाई देगा। ग्रहण का समापन शाम 6.19 पर होगा। आगे जानिए 8 नवंबर को होने वाले चंद्र ग्रहण के बारे में खास बातें…
कब से कब तक है चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 8 नवंबर को शाम करीब 4 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
यहां दिखेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण (Where will the total lunar eclipse be visible in India?)
भारत के ईटानगर, कोलकाता, भुवनेश्वर, पटना, रांची और कटक में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। ईटानगर में शाम 4.23, कोलकाता में 4.52, भुवनेश्वर में 5.05, पटना में 5.00, रांची में 5.03 और कटक में 5.05 से दिखाई देगा।
यहां दिखेगा आंशिक चंद्र ग्रहण? (Where will the partial lunar eclipse be visible in India?)
भारत के अलग शहरों में चंद्र ग्रहण आंशिक रूप से दिखाई देगा। जानें भारत के किस शहर में चंद्र ग्रहण कितनी बजे दिखाई देगा शुरू होगा…
लखनऊ- शाम 5.16
रायपुर- 5.21
देहरादून- 5.22
दिल्ली- 5.28
अमृतसर- 5.32
भोपाल- 5.36
जयपुर- 5.37
चेन्नई- 5.38
हैदराबाद- 5.40
उज्जैन- 5.42
इंदौर- 5.43
बेंगलुरू- 5.49
उदयपुर 5.49
गांधीनगर- 5.55
मुंबई- 6.01
कब से कब तक रहेगा सूतक काल? (Chandra Grahan 8 November Sutak Timing)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल 8 नवंबर, मंगलवार की सुबह लगभग 7.23 बजे शुरू होगा, जो शाम को 6.19 पर ग्रहण के साथ ही समाप्त हो जाएगा। भारत में सबसे पहले चंद्र ग्रहण अरूणाचल प्रदेश के ईटानगर में शाम 4.23 पर दिखाई देगा। इसके बाद ये धीरे-धीरे पूरे देश में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण रूप से दिखाई देगा।
जानें सूतक काल के दौरान क्या न करें? (What not to do during Sutak period)
1. सूतक काल दौरान भगवान की प्रतिमा को स्पर्श न करें। संभव हो तो देव प्रतिमाओं को कपड़े या ढंक दें या घर के मंदिर का परदा लगा दें। दीपक या अगरबत्ती भी न लगाएं। सूतक में पूजा करना अशुभ माना गया है।
2. सूतक काल के दौरान भोजन न पकाएं और न ही खाएं। जो भोजन पका हुआ है उसमें तुलसी के पत्ते या कुशा (एक विशेष प्रकार की घास) डाल दें ताकि ग्रहण के बाद भी वह खाने योग्य बना रहे। (बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग भोजन कर सकते हैं।)
3. सूतक काल में क्षौर कर्म न करें जैसे बाल न कटवाएं, शेविंग न बनवाएं और नाखून भी न काटें। ये काम भी सूतक के दौरान वर्जित है।
4. सूतक काल के सोना भी वर्जित है। हालांकि ये नियम भी बच्चों, बुजुर्ग, बीमार आदि लोगों पर लागू नहीं होता। ये अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।
5. सूतक काल में धारदार चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए जैसे कैंची और चाकू। यानी इस दौरान कोई भी चीज काटे या छिले नहीं। सुई का उपयोग भी इस दौरान न करें।
6. सूतक काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें। सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी। यानी इस दौरान इस तरह की बातों पर विचार भी न करें। इससे अशुभ फल प्राप्त होते हैं।
7. वैसे तो सूतक काल के दौरान भोजन की मनाही है, लेकिन अगर जरूरी हो तो भी तामसिक भोजन न करें जैसे मांसाहार। लहसुन-प्याज से बने भोजन का भी त्याग करें।