बिहार में ठंड का मौसम अब खत्म होने वाला है बसंत की आहट दिखने लगी है। गांव में सरसों के पीले फूल पेड़ पौधों में नई कोपल नए पत्ते आने लगे हैं। वसंत ऋतु की शुरुआत हो चुकी है और कल यानी कि 16 फरवरी मंगलवार को बसंत पंचमी मनाई जाएगी।
इस दिन बिहार में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। पूजा को लेकर पूरे बिहार में उत्सव का माहौल बना हुआ है ।ना सिर्फ स्कूल और कोचिंग संस्थानों में बल्कि शहर एवं गांव के कई मोहल्लों एवं चौक चौराहों पर मां सरस्वती के पूजा की तैयारी की जा रही है। छात्र छात्राओं ने पूजा की तैयारियां शुरू कर दी है और विभिन्न जगहों पर पंडाल एवं मंडप सजाना शुरू कर दिया है।
बाजार में फल कारोबारी गाजर मिश्रीकंद केला बेर आदि चीजों के स्टॉक करने में जुटे हुए हैं। बाजार में सजावट के सामान में पूजन सामग्री एवं फल की खरीदारी के लिए भीड़ लगी हुई है मिठाई की दुकानों में बुंदिया के ऑडर मिलने लगे हैं।
हालांकि कोरोना कोरोना के गाइडलाइंस के कारण दुकानदार काफी निराश दिख रहे हैं उनका मानना है कि पिछले कई सालों के मुकाबले इस बार खरीदारी कम हो रही है। सामानों के उचित भाव भी नहीं मिल रहे हैं कुछ दुकानदारों ने तो यहां तक कहा कि जिस कीमत पर वह सामान खरीद रहे हैं उसी कीमत पर वह बेचना पड़ रहा है।
मूर्ति बनाने वाले मूर्ति कारों का मानना है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले लगभग आधी मूर्तियां ही बनी है फिर भी उन्हें बेचने में दिक्कत आ रही है। मूर्तियों के उचित भाव भी नहीं मिल पा रहे हैं। मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा नाका चौक पर मूर्ति बनाने वाले अजय पंडित का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार आधे मूर्तियां बनी और फिर भी कुछ मूर्तियां अभी भी बची हुई है। कीमत भी लगभग आधी ही है पिछले साल के मुकाबले बाजार में रौनक देखने को नहीं मिल रही है।