सरकार अपनी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों का ढिंढोरा हमेशा पीटती रहती है। धरातल पर इन कार्यों की सच्चाई जाननी हो तो आप इस विद्यालय भवन को देख लीजिए। 15 वर्षो से ये भवन अपने ऊपर छत की प्रतीक्षा कर रहा है।
डुमरिया प्रखंड के नारायणपुर पंचायत के हरणी खजुरा गांव के मध्य विद्यालय की भवन निर्माण का काम 15 साल से अधूरा है। दीवार तो बन गई पर ढलाई नही होने के कारण स्टूडेंट के बहुत दिक्कते हो रही है। गांव के लोग जब आवाज उठाते हैं तो कोई सुनवाई नही होती हैं ।
नरायनपुर पंचायत मध्य विद्यालय हरणी खजुरा के 2006 में इस भवन के निर्माण की शुरुवात हुई थी और अब 2021 हो गया ,15 वर्ष होने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नही हुआ। अब यह भवन इतना जर्जर और कमजोर हो चुका है की छात्रों को हमेशा इस बार का डर रहता है की न जाने कब गिर जाए।
राशि निकासी के बाद भी इस दो मंजिला भवन की छत आज भी अधूरा है। आठ कमरों का निर्माण होने के बाद भी छत की ढलाई नहीं हुई है। 2006 में विद्यालय भवन निर्माण के लिए राशि आवंटित हुई थी। पंद्रह वर्षों के बाद भी भवन अधूरा रहने के लिए शिक्षा विभाग पूरी तरह दोषी है।
प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार ने बताया कि भवन निर्माण के लिए पर्याप्त रूपए उपलब्ध नहीं है। इसके पहले राम लखन ठाकुर,और रंजीत ठाकुर दो दो प्रधानाध्यापक इस विद्यालय से स्थानांतरित हो चुके है। विद्यालय निर्माण की राशि पूर्व प्रधानाध्यापक के समय में आई थी। सिर्फ तीन लाख रुपए विद्यालय के खाता मे जमा है जिससे विद्यालय भवन निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सकता है।