औरंगाबाद कांग्रेस नेताओं ने बिहार राज्य के सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद असद उल्लाह का फूंका पुतला जमकर लगा नारेबाजी

Safe Alam
Safe Alam
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*औरंगाबाद कांग्रेस नेताओं ने बिहार राज्य के सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद असद उल्लाह का फूंका पुतला जमकर लगा नारेबाजी।*

 

 

 

 

औरंगाबाद कांग्रेस नेताओं ने शहर के जमा मस्जिद के समीप बिहार वक्फ बोर्ड पटना के चेयरमैन मोहम्मद इरशाद उल्लाह के द्वारा औरंगाबाद बिहार के वक्फ बोर्ड के संपत्ति को लूटा जा रहा है अपने मन के मुताबिक कोई भी वक्फ बोर्ड के नियम के तहत काम नहीं हो रहा है और भ्रष्टाचार लगा हुआ है कांग्रेस नेता मोहम्मद शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान ने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति को बेचा जा रहा है और जब इसकी शिकायत चेयरमैन से की जाती है तो वाह आनाकानी करके मामला टाल कर देते हैं क्योंकि मोहम्मद अब्दुल्ला को यहां के सदस्यों के द्वारा मोटी रकम पहुंचाई जाती है और शहर के दुकानदारों कब्रिस्तान के बाहर गुमटी लगाने वाले तत्कालीन वक्त बोर्ड के सदस्य अपने कार्यकाल में अपने पुत्री के नाम से वक्फ 626 दुकान नंबर 33 मदरसा मार्केट नंबर 1 तत्कालीन सिक्योरिटी के द्वारा भेज दिया गया है किसी व्यक्ति से वक्त बोर्ड के सदस्यों द्वारा आर्थिक समाजिक आज तक से कुछ ज्यादा ही ऊंचा है उनके पास संधार घर संधार जमीन गाड़ियां और बेईमानी संपत्ति है हद तो यह है की कई मामलों में वक्त बोर्ड के कर्मचारी द्वारा खुद ही अपना लेन देन लेकर वक्त की एक्सयूवी कमेटी को अपने मन के मुताबिक सीधे नियंत्रित कर रहे हैं साथ ही मोटा रकम लेकर वक्फ बोर्ड के कर्मचारी के साथ साथ चेयरमैन मोहम्मद इरशाद उल्लाह जिला में अपने मन के मुताबिक कमेटी का विस्तार कर देते हैं वर्क बोर्ड में ओने पौने का खेल चल रहा है।

सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों द्वार अमीनिया तक रप से खरीदारी और विक्रय और हस्तांतरित की गई सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपतिया की जांच हो जाएगा तो बोर्ड के सभी सदस्य गन जेल की हवा खाना पड़ेगा।खरीदी बेची नहीं जा सकती वक्फ सम्पत्ति।एक बार यदि कोई संपत्ति का वक्फ सम्पत्ति के रूप में पंजीकृत हो गई तो फिर उसे बेचने का अधिकार किसी को नहीं है। बशर्ते किसी सक्षम न्यायालय से इस बार में कोई आदेश पारित न हो। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष को वक्फ संपत्ति नहीं होने की घोषणा करने का अधिकार भी नहीं है।आज तक वर्क बोर्ड का ऑडिट नहीं हो रहा है या फिर इसके नाम पर खानापूर्ति हो रही है ऐसे बहुत से मामले हैं जहां फर्जी रजिस्टर बनाकर कोराना वारिस में लोगों का आधार कार्ड लेकर पैसा भी मेंटेनेंस किया गया है रजिस्टर में पैसा तो अंकित रहेगा मगर जेब में पैसा वर्क बोर्ड के समिति के सदस्यों के पास चला जाता बिहार राज सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों द्वारा मोटा रकम लेकर कुछ व्यवसायियों से पैसा लेकर मामला को लंबा एग्रीमेंट कर दिया जाता है दुकान किसी और का और रचित किसी और का काटा जाता है मोटा रकम लेकर अपने मन के मुताबिक दुकानदारों से मार्केट में किराया भी बढ़ा चुके हैं जो सिर्फ लूटा जा रहा है वक्फ बोर्ड के सदस्यों कहते हैं कि हम सभी पैसा बिहार बोर्ड राज के चेयरमैन मोहम्मद असद उल्लाह को पहुंचाना पड़ता है दुकानदारों को तंग किया जाता है प्रताड़ित किया जाता हीरो के द्वारा ऐसी स्थिति में कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी और इस मामले की जानकारी इसकी प्रधान सचिव एस सफीना को दी जाएगी ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की जांच होगी।

 

 

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