Asdबिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, चुनाव नजदीक आने से पहले ही नेताओं का दलबदल शुरू हो चुका है। इसके साथ में जुबानी जंग भी छिड़ गई है।
हाल ही में जदयू से निकाले जाने के बाद उद्योग मंत्री श्याम रजक ने 11 साल बाद राजद का दामन थाम लिया। जदयू छोड़ने के बाद ही बिहार में सियासी बयानबाजी का बाजार गर्म हो गया है।
जनता दल यूनाइटेड पार्टी छोड़ने के बाद श्याम रजक ने कहा था कि नीतीश कुमार सबसे बड़े दलित विरोधी हैं।
श्याम रजक इस बयान के बाद भवन निर्माण मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने cm के बचाव करते हुए कहा कि श्याम रजक ऐसे छात्र हैं जिन्हें नीतीश कुमार को समझने में एक 11 साल लग गया। किसी भी छात्र को सिलेबस समझने में इतना समय नहीं लगता है। जब वह राजद को छोड़कर जेडीयू में आए थे तब उस समय से लेकर अब तक नीतीश कुमार उनके सबसे बड़े हितैषी थे लेकिन आरजेडी में जाते हैं नीतीश कुमार दलित विरोधी हो गए ।
श्याम रजक पर हमला करते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि एक मंद बुद्धि छात्र से यही उम्मीद की जा सकती है।
अशोक चौधरी ने आगे कहा कि देश में दलितों के सबसे बड़े हितेषी नेता नीतीश कुमार रहे हैं। बिहार में दलितों के लिए ना तो कोई विभाग था और ना ही कोई बजट दलितों के लिए 40 करोड़ के बजट को बढ़ाकर 3000 करोड़ तक पहुंचाया है नीतीश कुमार ने।सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं दलित छात्रों को आर्थिक मदद देने वाला बिहार एकलौता राज्य है।
अशोक चौधरी के इस बयान के जवाब में श्याम रजक ने कहा कि अशोक चौधरी का संस्कार ही ऐसा है श्याम रजक ने सुख चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस से छोड़कर ज्योति युग में आते समय कांग्रेस को समझने में उनको कितने साल लगे थे अब जदयू में है तो जदयू को कांग्रेस से कम दिन में समझ जाएंगे श्याम रजक ने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति अच्छी है ना ही दलितों की।