हम तो खुद ही बीमार हम क्या करेंगे इलाज

रामगढ़वा

रामगढ़  प्रखंड के परसौना मदन गांव में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का स्थापना 2010 में हुआ, परंतु एक दशक बीत जाने के बाद भी अस्पताल आज तक बंद पड़ी हुई है ना कोई डॉक्टर उपलब्ध है ना ही दावा,

हाल तो यह है कि इस केन्द्र पर टिका करण भी नहीं होता हैं, इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को शुरू नहीं होने से परसौना गांव सहित बैरिया, मीनापुर, जगवालिया, खूगनी, भटिया सहित दर्जनों गांव के हजारों लोगों को दूर दराज के अस्पतालों में चक्कर लगाना पड़ता है।

इन गांवों के लगभग 40 हजार की आबादी अस्पताल शुरू नहीं होने से स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं, वहीं बच्चों को टीकाकरण के लिए भी 5 से 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता हैं, स्थानीय निवासी महेश, प्रबीन, ने बताया कि हॉस्पिटल तो जंगल में तब्दील हो गई हैं।

वही कुछ बुजुर्ग कपिलदेव सिंह, रामचरितर सिंह लोगे ने बताया की सरकार की गलत नीति से ये हाल हैं ये अस्पताल का भवन वनने के पांच साल बाद अस्पताल चालू हुआ तो एक आस जगी, पर अस्पताल तो सिर्फ कागज में सिमट कर रह गई, यहाँ तो कोई आता ही नहीं हैं ये कर्तव्य हिनता का प्रतीक है

चिकित्सा पदाधिकारी टी एच पासा ने बताया की हमें जानकारी में आया हैं सिबिल सर्जन को लिखा जायगा।