Ssc, बैंकिंग रेलवे के लिए अब होगी एक ही सामान्य योग्यता परीक्षा

कैबिनेट ने आज कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कराने के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दे दी। बुधवार दोपहर मीडिया को जानकारी देते हुए, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे ऐतिहासिक निर्णय करार दिया, जिससे देश के युवाओं को नौकरी का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, यह देश के युवाओं की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है।

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) ग्रुप बी और सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी। NRA में रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, SSC, RRB और IBPS के प्रतिनिधि होंगे। भारत के 117 जिलों में परीक्षा के बुनियादी ढांचे को बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, इससे अभ्यर्थियों के लिए एक जगह पर प्रवेश करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना नहीं होगा । रिजल्ट की घोषणा की तारीख से तीन वर्ष की अवधि तक उम्मीदवार का सीईटी स्कोर मान्य होगा। अपनी आयु सीमा के अंदर विद्यार्थी जितनी बार चाहे Cet की परीक्षा से सकता है । सर्वश्रेष्ठ स्कोर को उम्मीदवार का वैद्य स्कोर माना जाएगा।

See also  नए मोदी सरकार का पहला झटका , मोबाइल रिचार्ज हुए महंगे, अब एक महीने में इतने का करना पड़ेगा रिचार्ज

आयु सीमा में छूट अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार दी जाएगी। उम्मीदवारों को एक सामान्य पोर्टल पर पंजीकरण करने और केंद्रों का विकल्प देने की सुविधा होगी।

सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। जिसका व्यय तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगा। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी उम्मीदवार और भर्ती संगठन दोनों के लिए भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करेगी। सीईटी स्कोर को केंद्र और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निजी क्षेत्र के साथ साझा किया जा सकता है और इस प्रकार इन संगठनों की भर्ती में होने वाले परीक्षा के खर्च और समय को कम किया जा सकता है। प्रारंभ में एनआरए वर्ष में दो बार सीईटी आयोजित करेगा।

See also  नए मोदी सरकार का पहला झटका , मोबाइल रिचार्ज हुए महंगे, अब एक महीने में इतने का करना पड़ेगा रिचार्ज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगी। श्री मोदी ने कहा, कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के माध्यम से, एनआरए कई परीक्षणों को समाप्त कर देगा और कीमती समय और संसाधनों को भी बचाएगा। उन्होंने कहा, इससे पारदर्शिता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा।