बिहार में पंचायत चुनावों की सरगर्मीयां तेज

सुबे में भले ही अभी मौसम में ठंडक है। लेकिन प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में काफी गर्माहट है।जो प्रदेश की विधानसभा से लेकर गांव की पंचायत तक नजर आ रही है। विधानसभा में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी काफी गर्माहट है तो गांवों में आने वाले पंचायती राज चुनावों को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी गर्माहट है।

बिहार में लगभग दो महीने बाद होने वाले पंचायती राज चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। पंचायती चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवार अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए अपने अपने क्षैत्र में तरह तरह के प्रयास करते हुए नजर आ रहे हैं। युवाओं को रिझाने के लिए किक्रेट, फुटबॉल, वालीबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर वृद्ध मतदाताओं को लुभाने के लिए घर घर जाकर पेंशन योजना के आवेदन भरवाएं जारहे हैं तो मध्यम वर्ग को लुभाने के लिए आवास योजना का लाभ दिलवाने का वादा किया जा रहा है।

डिजिटल युग होने के कारण पंचायती राज चुनावों के सम्भावित उम्मीद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी एक दूसरे से बीस साबित होने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हर मतदाता से अपना लगाव दिखाने के लिए गांवों, मौहल्ले की सड़कों पर भावी उम्मीदवारों के बधाई संदेशों से भरी नजर आ रही है। वहीं इस बार पंचायती राज चुनावों में मतदान ईवीएम मशीन से होने की चर्चा भी मतदाता और भावी उम्मीदवारों के बीच जारी है।

खैर अभी चुनाव में दो महीने का समय है और भावी उम्मीदवारों की सेवा भावना से गांव, पंचायत का हर वर्ग खुश नजर आ रहा है। ऐसे में गांवों की जनता दबी जुबान से ही भले कहती हुई नजर आ रही है कि काशॽ चुनाव रोज होते और भावी उम्मीदवारों की सेवा भावना हमेशा ही ऐसी ही बनी रहती तो पंचायत और पंचायत वासियों का विकास स्वतः हो जाता।